#लखनऊ/आज/दिनांक 23जनवरी 2020 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 123वी जयंती मनायी गयी. सामाजिक शोध संस्थान, उन्हे आदरान्जली समर्पित करता है.
#नेताजी सुभाष चंद्र बोस के 123वे जन्मदिन के अवसर पर संस्थान उन्हे भावपूर्ण आदरान्जली व्यक्त करता है. इस अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष डा.राम प्रताप यादव ने 'शहीद शोध संस्थान' लखनऊ मान्टेसरी कालेज द्वारा आयोजित गोष्ठी मे बोलते हुए कहा कि 'नेताजी एक भावपूर्ण राष्ट्रवादी थे जिनकी मोरलिटी एवं इन्टिग्रिटि पे कोई संदेह नही.उन्होने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास मे एक सफ़ल हस्तक्षेप किया था. उनपर फ़ासीवादी होने का जो आरोप लगाया जाता है वो पूरी तरह बेबुनियाद है. वो एक सच्चे राष्ट्रभक्त थे जिनको हर परिस्थिति मे भारत माता को ब्रिटिश उपनिवेशवाद की गुलामी से मुक्त कराना था. उन्होने अपने व्यवहारिक अनुभवो को सिद्धांतो का रुप देते हुए सोवियत समाजवाद के बजाय इंडियन समाजवाद को अपनाने पर बल दिया. इस हेतु उन्होने अपने अंदर संचित विवेकानन्दी संस्कार को आधार बनाते हुए-न्याय,समानता,स्वतंत्रता,अनुशासन व प्रेम को समाजवादी आदर्श बतलाया.' वो सांप्रदायिकता को भारत के लिये एक बड़ा खतरा बताते थे इसीलिए उन्होने धर्म का इस्तेमाल राजनीति मे करने पर घोर आपत्ति की थी.
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